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तीसरा सह्स्त्रक शुरु होते – होते ही अर्थात ११ सितम्बर २००१ से विश्व का हर एक राष्ट्र अपनी अपनी रक्षा एवं भविष्याकालीन राजनीतिक रवैयों का नये से पुनर्विचार करने लगा। विश्व के अधिकतर प्रमुख राष्ट्रों को आतंकवादी चेहेरे की अच्छी खासी पहचान ईससे पूर्व ही हो चुकी थी। अमरिका एवं रशिया ने तो आतंकवादी संगठनों को प्रोत्साहित कर एक दुसरे के खिलाफ़ ऊनका ईस्तेमाल भी किया था।

 

 

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